ना अब कोई किस्सा बनेगा
ना अब तू मेरा हिस्सा बनेगा,
दिल ये बहुत रो चुका है
सब कुछ ख़त्म हो चुका है…
ज़िंदगी मे तेरा किरदार बस इतना था
कि हर किस्से की तरह तू भी बस एक किस्सा था,
सब सामने आ चुका है
तेरा छल रूप दिखा चुका है…
एक बार पतझड़ मे पत्तिया गिर जाने पर
नयी कोपले जन्म लेती है
फिर बढ़ता है वो पौधा आसमान छूने
सपना पूरा करने, जो आँखे रोज रात बुनती है..
अग्रसर हूँ अब जीवन पथ पर
जहाँ मुश्किले है हर कदम पर
चल पड़ी हूँ उस दिशा में जहाँ हर ख्वाब पूरा होगा
ना वहाँ तू मेरा हिस्सा होगा, बस हर किस्से की तरह एक किस्सा होगा…
2 Comments
Nice one ..👌
Well said dear