सिर्फ़ एक प्याला नहीं है
वो दरिया है जस्बातो का…
कभी गम भुलाने कभी जश्न मनाने
वो गवाह बना है अलग अलग मौको का…
कभी हल्का कभी इसका गहरा रंग
एक चेहरा बना है ये अलग अलग मुखौटो का…
कभी सुबह की ताज़गी कभी रात का जाम
वो सहारा बना है शतरंज के सब मौहरो का…
सिर्फ़ एक प्याला नहीं है
वो दरिया है जस्बातो का…
2 Comments
Very nice
Enjoy ur cup of coffee ☕️
Wahh wahh 👏🏻 wo dariya hai jazbaato ka 👍🏻