गुमसुम खामोश सा चल रहा हूँ मै
ज़िंदगी में फिर आज शाम सा ढल रहा हूँ मै…
तेरी मुस्कान याद कर मुस्कुरा लेता हूँ
असल मे धूप में रेत सा जल रहा हू मै…
आज भी तेरी बातो की जो गूँज है कानो में
खुद को अनसुना कर, धुन उसकी सुन रहा हूँ मै…
एहसास तेरे स्पर्श का क्यूँ याद है मुझे
ना जाने क्यूँ आज कांटो की माला बुन रहा हूँ मै…
गुमसुम खामोश सा चल रहा हूँ मै
ज़िंदगी में फिर आज शाम सा ढल रहा हूँ मै…
साथ चलने का इरादा था जिन राहो पर
आज उन पर अकेला ही चल रहा हूँ मै…
अलावा तेरे आज सबसे मिल रहा हूँ मै
बदल के काया मिट्टी की आज फिर से बन रहा हूँ मै…
गुमसुम खामोश सा चल रहा हूँ मै
ज़िंदगी में फिर आज शाम सा ढल रहा हूँ मै…
8 Comments
Awesome
Heart touching art .. you too good
Awesome 😚😙😘👌👏👌👏
Superb…
उत्तमन, सर्वोत्तम, touching, लाजवाब, इदं सर्वोत्तम।
Great lines 👏
jordaaar
कुछ मेरी सी कुछ किसी और कि है।
ये कहानी तो हर किसी की है।